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सीबीआई कोर्ट ने बाबा राम रहीम की सजा की घोषणा कर दी है। गुरमीत को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। पहले खबर सामने आई थी की उनको 10 साल की सजा सुनाई गयी है। कोर्ट ने कहा कि जो लड़कियां गुरमीत राम रहीम को भगवान की तरह पूजती थीं, उसने उन्हें के साथ घिनौनी हरकत की।

कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में कहा कि दोषी ने अपनी ही अनुयायियों के साथ जंगली जानवर जैसा बर्ताव किया है, इसलिए वो दया का हकदार नहीं है।

कोर्ट ने कहा, ”दोषी ने उन साध्वियों के साथ यौन शोषण किया जो उन्हें पिता की तरह मानती थीं और भगवान की तरह पूजती थीं। ऐसा करके दोषी ने उनका विश्वास तोड़ा है और पीड़ितों का शारीरिक-मानसिक शोषण किया है। पीड़िता गुरमीत राम रहीम के संरक्षण में डेरा में रहती थीं जहां उनके साथ ये हरकत की गई। ऐसे में ये कस्टोडियल रेप से कम नहीं है।”

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जेल में खाई सिर्फ आधी रोटी
राम रहीम को सजा मिलने के बाद वह पूरी रात जेल के बैरक में जागते हुए इधर से उधर घूमता रहा। गुरमीत ने खाने में सिर्फ आधी रोटी ही खाई। जबकि राम रहीम को खाने में 4 रोटी और सब्जी दी गई थी।

अब राम रहीम को माली के अलावा फैक्ट्री में भी काम करना होगा। इसके लिए उसे 40 रुपये रोज का मेहनताना दिया जाएगा। राम रहीम को जेल प्रशासन ने कैदी नंबर 8647 दिया है।

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20 साल की सजा और 15-15 लाख जुर्माना
रेप को दो मामलों में उनको 10-10 साल की जेल की सजा मिली है। सिर्फ यही नहीं इसके साथ ही 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जो पीड़िता को दिया जाएगा।

रोते हुए मांगी माफ़ी
जब जज ने राम रहीम को सज़ा सुनाई तो उसके हाथ-पैर कांपने लगे और उसकी आँखों में आंसू आ गए। वो लगातार जज से माफ़ी की गुहार करने लगा। फिर गुरमीत अदालत में ज़मीन पर बैठ गया और बोला कि वो यहीं रहेगा , कहीं नहीं जाएगा।

जज ने दोनों पक्षों को बहस के लिए 10-10 मिनट का समय दिया था। अभियोजन पक्ष ने राम रहीम के लिए उम्रकैद की मांग की थी। तो वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि राम रहीम समाज सेवी हैं। उन्होंने कई भलाई के काम किए हैं। इसका संज्ञान लेते हुए सजा में नरमी बरती जानी चाहिए।