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जालंधर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को ‘स्वतंत्र फौजी’ कहने के दिए बयान पर पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आज तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जाखड़ ने कहा कि कम से कम मोदी ने यह स्वीकार कर लिया है कि कांग्रेस के अंदर एक स्वतंत्र व लोकतांत्रिक संस्कृति चल रही है जोकि भाजपा में नहीं है। भाजपा में तो तानाशाही तरीके से फैसले लिए जाते हैं जिसका जिक्र भाजपाई भी अब खुलकर कर रहे हैं।

जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के अंदर पूरा लोकतंत्र बहाल है तथा पार्टी नेताओं को अपने विचार रखने की पूरी आजादी है। जब से भाजपा के अंदर मोदी व अमित शाह का राज आया है तबसे भाजपा के अंदर अडवानी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया गया है। जाखड़ ने आज एक बयान में कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह लगातार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बैठकें करके सरकार व पार्टी द्वारा लिए जाने वाले फैसलों को लेकर चर्चा करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश की ङ्क्षचता करनी चाहिए जहां कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी टक्कर देने के लिए तैयार खड़ी है। भाजपा के अंदर अगर अंदरूनी लोकतंत्र होता तो अडवानी जैसे नेताओं को किनारे न लगाया जाता।

उन्होंने कहा कि भाजपा के बुजुर्ग नेता लगातार अपनी पार्टी के अंदर हो रहे लोकतंत्र की हत्या को लेकर बोलते रहे परन्तु उनकी किसी ने भी नहीं सुनी इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को पहले अडवानी जैसे नेताओं की बात सुननी चाहिए। जाखड़ ने कहा कि
कांग्रेस को पंजाब के हितों की रक्षा करने के लिए भाजपा से सर्टीफिकेट लेने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब की हितैषी है तो पहले उसे पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा किए गए

31000 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले की राशि वापस पंजाब को करनी चाहिए। यह खाद्यान्न घोटाला पूर्व अकाली सरकार के समय हुआ था जिसमें भाजपा भी शामिल थी परन्तु इसकी तरफ केंद्र सरकार ने अपनी आंखें मूंद लीं। जाखड़ ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि केंद्र में भाजपा के शासनकाल में 2 बार हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर को विशेष औद्योगिक पैकेज दिया गया जबकि पंजाब के आॢथक व औद्योगिक हितों को दरकिनार कर दिया गया। पंजाब की अर्थव्यवस्था अभी भी आॢथक संकटों में फंसी हुई है। केंद्र को तुरन्त पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए। जाखड़ ने मोदी सरकार द्वारा एस.वाई.एल. के मुद्दे पर हरियाणा का पक्ष लेने का जिक्र करते हुए कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने तो 2004 में पंजाब परमीनेशन ऑफ एग्रीमैंट्स एक्ट 2004 पास करके पंजाब के पानियों की रक्षा की थी परन्तु केंद्र सरकार अब पानी के मामले में भी हरियाणा का पक्ष ले रही है तथा भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल ने इस
मामले पर अपनी आंखें बंद की हुई हैं।

पंजाब से भेदभाव क्यों?
जाखड़ ने केंद्र की राजग सरकार पर सियासी हमला बोलते हुए कहा है कि पंजाब से भेदभाव क्यों किया जा रहा है। केंद्र की योजनाओं में केंद्र ने अपना हिस्सा घटाकर 60 प्रतिशत व राज्य सरकार का बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार के समय केंद्रीय योजनाओं में केंद्र का हिस्सा 90 प्रतिशत होता था क्योंकि मनमोहन सरकार को पता था कि राज्य सरकारों के पास आॢथक संसाधनों की कमी है।