CM Yogi

बाराबंकी : यूपी के बाराबंकी में बीजेपी सांसद प्रियंका रावत ने अपनी ही सरकार के डीएम अखिलेश तिवारी पर भ्रष्टाचार और भाजपा सरकार की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। डीएम के खिलाफ शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। प्रियंका ने मुख्यमंत्री से शिकायती पत्र में  डीएम अखिलेश तिवारी पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। पत्र में शिकायत की गयी है कि डीएम द्वारा ज़िले में विकास एवं जनकल्याणकारी कार्यों में सहयोग नहीं किया जा रहा जिसके कारण जनपद के विकास कार्य अवरुद्ध हो गए हैं। इससे भाजपा सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

मुख्यमंत्री योगी को लिखे शिकायती पत्र में प्रियंका रावत ने डीएम पर फ़ाइल फेकने, राम लीला मैदान में ओपन थ्रेटर न बनने, सांसद निधि से विकास कार्यो को स्वीकृति न प्रदान करने,  सांसद आदर्श ग्राम दीनपनाह में विकास योजनाओ की स्वीकृत न करने और धारा 143 के तहत लखनऊ के निकट ज़मीनों पर अवैध निर्माण की स्वीकृत देने पर और हाल में ही मुहर्रम और दशहरा पर मूर्ति विसर्जन पर हुए दंगो में लापरवाही बरतने के आरोप लगाया है।

सांसद प्रियंका रावत ने कहा कि डीएम ने उनके ऊपर फ़ाइल फेंका और बदसलूकी की। सांसद प्रियंका रावत ने कहा कि डीएम सरकार को बदनाम कर रहे है, इनको सिर्फ पैसा चाहिए। डीएम भ्रष्टाचार में डूबे हैं। जन प्रतिनिधियों की भी डीएम इज़्ज़त नहीं करते हैं। प्रियंका रावत ने कहा कि हर चीज़ में डीएम साहब को पैसा चाहिए। डीएम बिलकुल निरंकुश हो रहे हैं। इनको यही ध्यान नहीं है कि सरकार बदनाम हो रही है। हम लोग बदनाम हो रहे हैं। इनको सिर्फ 24 घंटे पैसा चाहिए। जिस व्यक्ति के दिमाग में भ्रष्टाचार घुसा हुआ हो, वह जनपद का कोई काम नहीं कर सकता है। सरकार की कोई भी योजना को सही से इम्प्लीमेंट नहीं करवा सकता है। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी को मैंने लिखित शिकायत भेजी है।

उधर, कैमरे के सामने डीएम अखिलेश तिवारी से बीजेपी सांसद के आरोपों के बारे में पूछा गया तो पहले तो वह खामोश  रहे फिर बोले कि इस पर मुझे कोई कमेंट नहीं करना है। उन्होंने बयान देने से मना कर दिया।

गौरतलब है कि 14 अगस्त को सीएम योगी आदित्यनाथ बाराबंकी के बाढ़ग्रस्त इलाके में लोगों से मिलने आए थे। यह मौका तब असहज हो गया जब सीएम योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर से उतरते हुए बाराबंकी के डीएम अखिलेश तिवारी उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेने पहुंच गए। डीएम का यह कारनामा चर्चा का विषय बन गया था क्योंकि ऐसा पहले की सरकारों में ही देखने को मिलता था। इस सरकार में सीएम योगी ने खुद ही अधिकारियों और नेताओं से चापलूसी ना करने को आदेश दिया है। लेकिन फिर भी ना जाने क्यों यूपी के आईएएस और आईपीएस सीएम के पैर छूते रहते हैं। जनता से मिलने में लापरवाही बरतने के मामले में बाराबंकी के डीएम अखिलेश तिवारी को मुख्यमंत्री कार्यालय से पहले ही नोटिस मिल चुका है।