Digvijaya singh

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक अपमानजनक टिप्पणी को रीट्वीट करने के बाद विवाद खड़ा हो गया। जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो उन्होंने कहा कि वह इसका समर्थन नहीं करते।

दिग्विजय ने कहा कि रीट्वीट का मतलब समर्थन करना नहीं होता। यह ट्विटर का बुनियादी सिद्धांत है। दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट को इस खंडन के साथ साझा किया कि यह मेरा नहीं है। लेकिन मैं अपने आप को इसे साझा करने से रोक नहीं सका। संबंधित व्यक्ति से मैं माफी मांगता हूं, क्योंकि वह ‘उल्लू बनाने में विशेषज्ञ’ हैं।

विवाद खड़ा होने के बाद कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने खुद के द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “वह ‘उल्लू बनाने की कला’ में सबसे बेहतर है यह अपमानजनक टिप्पणी नहीं है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि, वे प्रधानमंत्री से यह सवाल क्यों नहीं पूछते कि ‘पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर उन्होंने निंदा के दो शब्द भी ट्वीट नहीं किए। जो मोदीजी, बेहत तुच्छ चीजों पर भी ट्वीट करते रहते हैं। उनके पास एक महिला पत्रकार की हत्या पर संवेदना व्यक्त करनेवाला ट्वीट लिखने का समय नहीं है। वह बहादुर महिला अपने शानदार पिता की तरह ही जीवनभर लोगों से लड़ती रही। उन लोगों से जो समाज में सांप्रदायिकता का जहर फैलाते हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा पीएम उन लोगों को अनफॉलो क्यों नहीं करते? जिन्होंने गौरी की हत्या के बाद उनके बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्होंने अपने ट्वीट में किसी के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया है और न ही उनके फॉलोअर ऐसा करते हैं।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी वाली फोटो ट्वीट की। यह एक केअपमानजनक शब्द वाला मीम था। हालांकि बाद में इसे हटा लिया गया। शुक्रवार सुबह करीब 7.33 बजे यह ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में पोस्ट हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मीम में उनके समर्थकों को ‘भक्त’ बताया गया है और मोदी की उपलब्धियां बताते हुए दो बार गालियों का प्रयोग किया गया है।