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सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक को लेकर आज दूसरे दिन भी सुनवाई जारी है। सुनवाई के दूसरे दिन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने पूछा कि क्या ट्रिपल तलाक परंपराओं का एक हिस्सा है या फिर इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है?
कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि देश से बाहर दूसरे देशों में ट्रिपल तलाक को लेकर क्या स्थिति है?
मामले का जवाब देते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि दूसरे देशों में ट्रिपल तलाक नहीं है बल्कि केवल भारतीय मुस्लिमो में इसका प्रचलन हैं।

सुनवाई के दौरान सलमान खुर्शीद ने इस मसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के मत पर सवाल उठाते हुए कहा की बोर्ड के अनुसार ट्रिपल तलाक गलत है, पाप है लेकिन इसके बावजूद कानूनन वैध है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा अगर 3 महीने के भीतर पुरुष केवल दो बार तलाक कहता है और तीसरी बार नहीं कहता तो क्या तब भी वो अपनी पत्नी से निकाह कर सकता है या महिला को हलाला से गुजरना होगा।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से पहले ही कह दिया था कि हम ये तय करेंगे कि तीन तलाक और निकाह हलाला धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन तो नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ये भी कहा कि हम ये तय करेंगे कि क्या पर्सनल लॉ को संविधान के अनुछेद 13 के तहत कानून माना जाएगा या नहीं?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 6 दिन की सुनवाई में 3 दिन वो लोग दलील देंगे, जो कि तीन तलाक और निकाह हलाला के खिलाफ हैं, बाकी तीन दिन बचाव पक्ष को सुना जाएगा।