मुख्यमंत्री

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों की कर्जमाफी योजना की तैयारी कर ली है. इसके साथ ही योगी सरकार ने इस योजना के ‘प्रचार-प्रसार’ के लिए भी बड़ी तैयारी की है.
इसी के तहत सरकार ने 2017-18 के लिए 86 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि प्रचार प्रसार के लिए रखी है. इस राशि का इस्तेमाल सरकार द्वारा बांटे जाने वाले ​सर्टिफिकेट कैंप के आयोजन पर ​भी किया जाएगा. आदेश के अनुसार सरकार इस राशि का खर्च एकमुश्त न करके, धीरे-धीरे जरूरत के हिसाब से करेगी.
विशेष सचिव पवन कुमार की तरफ से सरकार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि 8623.74 लाख रुपए की धनराशि पुनर्विनियोग के लिए राज्यपाल से स्वीकृत हो चुकी है.
इस धनराशि का उपयोग योजना के क्रियान्वयन, प्रचार-प्रसार, ऋण मोचन प्रमाण पत्र वितरण के लिए कैंपों के आयोजन पर होगा. साथ ही अन्य विविध प्रशासनिक एवं अनुसांगिक खर्च के लिए विभिन्न स्रोतों और जनपद स्तर, सूचना एवं जनसंपर्क तथा संस्थागत वित्त विभाग से प्राप्त प्रस्तावों पर किया जाएगा.
इस धनराशि का आहरण एकमुश्त न होकर तत्काल आवश्यकता होने पर ही फेजिंग करते हुए किया जाएगा. यही नहीं स्वीकृत की जा रही धनराशि पीएलए, डिपॉजिट खाते या बैंक में जमा नहीं की जाएगी.
खर्च करने से पहले यही आवश्यक हो तो सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए.
सरकार के इस जारी शासनादेश पर कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्वीट कर तंज कसा है कि पहले पैकेजिग मार्केटिंग. उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्जमाफी का पैसा मिला नहीं. उसके प्रचार के लिये 86.23 करोड़ रुपए जारी हो गया.