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लखनऊ. यूपी में संगठित क्राइम को रोकने के लिए योगी सरकार द्वारा बुधवार को विधानसभा में यूपीकोका बिल पेश किया गया। यह बिल पास विधानसभा में पास हो गया है। पिछले दिनों इस कानून को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली थी। मायावती ने इसका विरोध करते हुए कहा- “ये दलितों-अल्पसंख्यकों को खत्म करने वाला कानून है।” वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- “विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सरकार ये बिल लेकर आई है।”

सीएम योगी ने आदित्यनाथ ने विधानसभा में दोपहर 1बजे ‘यूपीकोका’ कानून का ड्राफ्ट पेश किया। सदन में चर्चा के बाद इसे पास कर दिया गया। इसके बाद सरकार इसे विधान परिषद में चर्चा के लिए पेश करेगी वहां से पास होने के बाद उसे राज्यपाल के यहां भेजा जाएगा।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- “इस कानून का इस्तेमाल सिर्फ दलितों और अल्पसंख्यकों के खात्मे के लिए बनाया गया है। दलितों पर इसके तहत केस दर्ज कर जानबूझकर जेल भेजा जाएगा। उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा। ये पूरी तरह से भाजपा की अल्पसंख्यक विरोधी नीति और मानसिकता को दिखाता है।”

अखिलेश यादव ने कहा- “इस कानून से भाजपा अपना राज चाहती है, इसका डर दिखाकर वो विपक्ष को कमजोर करने का साजिश रच रही है। पहले से इतने कानून हैं उन्हें लागू नहीं करवा पा रही है। अपनी कमियों को छुपाने के लिए यूपीकोका लेकर आई है।”

यूपीकोका महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की तर्ज पर काम करेगा।
सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद संगठित अपराध, माफियाओं पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था। इसके बाद तत्कालीन गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने मुंबई, दिल्ली और बिहार समेत कई राज्यों में संगठित अपराध के लिए बनाए गए कानून के बारे में जानकारी जुटाई।