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चीनी मीडिया के हवाले से खबर मिली है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक दल ने तिब्बत में गोलीबारी का अभ्यास किया, जिसका मकसद सेना की क्विक डिलीवरी क्षमता को बढ़ाना था। ये अभ्यास कब किया गया, इस पर स्पष्ट जानकारी नहीं है।

तिब्बत के पठार पर चीन का युद्धाभ्यास-
डोकलाम पर भारत-चीन के मध्य कायम गतिरोध के दौरान ये खबर आई है। वहीं तीन जुलाई की भी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि युद्ध की तैयारी का जाएजा लेने के लिए वेस्टर्न थियेटर कमांड ने तिब्बत के 51 सौ मीटर तक बख्तरबंद ड्रिल को अंजाम दिया था। चीनी सेना के तिब्बत मिलिट्री कमांड के अधीन तिब्बत के पठार पर यह अभ्यास किया गया।

मीडिया में जारी किया गया वीडियो-
युद्ध अभ्यास पर चीन सेंट्रल टेलीविजन पर एक वीडियो भी जारी किया गया है। इस बार जारी किया गया युद्ध अभ्यास का वीडियो पिछले महीने के अभ्यास से अलग नजर आ रहा है। इस वीडियो में तोप, होवित्जर और एंटी टैंक ग्रेनेड के साथ राडार यूनिट दिखाया गया है, जबकि पहले के वीडियो में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 96 युद्ध टैंकों को प्रदर्शित किया गया था।

फ्रंटलाइन कॉम्बैट मिशन को अंजाम देने वाला दल-
रिपोर्ट में बताया गया कि अभ्यास करने वाला ये ब्रिगेड फ्रंटलाइन कॉम्बैट मिशन के लिए जाना जाता है और काफी लंबे समय से ब्रह्मपुत्र नदी के मध्यम और निचले क्षेत्रों में तैनात है। चीन ने सैनिकों की जल्द तैनाती से लेकर कई मिलिट्री यूनिट के बीच सामंजस्य का अभ्यास किया।

टारगेट पर हमला करने का अभ्यास-
वीडियो में फौजियों को एंटी टैंक ग्रेनेड और होवित्जर का इस्तेमाल करते दिखाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार दुश्मन के विमानों को पहचानने वाली रडार इकाइयों और सैनिकों के तोप चलाने से लेकर टारगेट को ध्वस्त करने का अभ्यास किया गया है।