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नई दिल्ली: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी सरकार और नगर निगम से लखनऊ में मीट की बिना लाइसेंस की दुकानों पर की जा रही कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट मांगी है।

दरअसल, राजधानी में मीट की दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण न किए जाने और नवीनीकरण विचाराधीन रहने के दौरान बिना किसी आदेश के दुकानें बंद कराने पर कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम से जवाब मांगा है। कोर्ट ने योगी सरकार और नगर निगम को इस पर अपना जवाब पेश करने के लिए 3 अप्रैल तक का समय दिया है।

कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा है कि इस प्रकरण में उसका क्या रुख है, साथ ही नगर निगम को यह बताने को कहा है कि मीट की दुकानों के लाइसेंसों की नवीनीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है।

आपको बता दें कि 2015 में शहाबुद्दीन और 9 अन्य दुकानदारों की ओर से दायर की गई एक विचाराधिन याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया है। इस याचिका में नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि दुकानदारों के लाइसेंस की समयावधि 2015 में समाप्त हो गई थी। जिसके बाद दुकानदारों ने लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए नगर निगम के पास अर्जी दी। इस अर्जी पर नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। बल्कि बिना किसी आदेश के जबरन उनकी मीट की दुकानें बंद कराई जा रही हैं।