चंडीगढ़, बलात्कार के दोषी जेल में 20 साल की सज़ा काट रहे राम रहीम द्वारा सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने हेतु पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई से पहले ही तकनीकी पेंच फंस गया है।

हाइकोर्ट ने दोबारा याचिका दुरुस्त कर दाखिल करने के आदेश दिए हैं। ये याचिका राम रहीम की ओर से उनके वकील एस के गर्ग नरवाना ने दाखिल की थी।

आपको बता दें कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को  दो साध्वियों से रेप के मामले में अलग-अलग 10-10 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा 15-15 लाख रुपये दोनों मामलों में जुर्माना भी लगाया था। राम रहीम हरियाणा के रोहतक जेल में अपनी सज़ा काट रहा है। इसी सजा के खिलाफ उसने याचिका दाखिल की है।

हालांकि पंचकुला की सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में गुरमीत पर लगे आरोपों को बेहद गंभीर मानते हुए कहा था कि वो दया का हकदार नहीं है।

कोर्ट का मानना था, ‘दोषी ने खुद को भगवान के रूप में पेश किया और अपनी ताकत का दुरुपयोग करते हुए मासूम लड़कियों के साथ रेप किया। इसका असर पूरे समाज पर होगा। ऐसे में ये केस रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर केस की श्रेणी में आता है. इसके लिए दोषी अधिकतम सजा का हकदार है।’