लोकायुक्त

दिल्ली में 23 अप्रैल को संपन्न हुए नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को करारी हर मिली है। इस हार के बाद आम आदमी पार्टी मुश्किल से जमानत बचा पाई है। आपको बता दें कि जमानत पार्टियों की नहीं बल्कि उम्मीदवारों की जब्तहोती है।

दिल्ली की तीनों एमसीडी में कुल मिलाकर 270 सीटों के चुनाव नतीजे आए हैं। बीजेपी को जहां इन चुनावों में 184 सीटों पर जीत मिली हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी को 46 सीट और कांग्रेस को 30ही मिल पाई। अन्य को 10 सीटों जीत प्राप्त हुई है।

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जमानत से बचने का नियम
बता दें कि किसी भी चुनाव में खड़े उम्मीदवार को अपनी जमानत बचाने के लिए कुल पड़े वोटों का कम से कम छठा हिस्सा हासिल करना होता है। अगर सीटों के लिहाज से देखा जाए तो कहा जा सकता है कि पार्टियों को अपनी जमानत बचाने के लिए कम से कम 45 सीटें (270 का छठा हिस्सा) जीतनी चाहिए थीं।

कुछ दिन पहले राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में भी आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाया था। ये सीट AAP के ही जरनैल सिंह के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी।

आपको बता दें कि दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कुल 272 में से 270 वार्डों के लिए रविवार को हुए मतदान में 53.6 फीसदी लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस बार चुनाव में कुल 2537 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें सें सबसे ज्यादा 1004 उम्मीदवार उत्तरी दिल्ली नगर निगम, वही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 985 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 548 उम्मीदवार हैं।