Yogi Adityanath

लखनऊ/सहारनपुर: प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने निकल पड़े हैं। इस दौरान उनको जहां भी कोई काम ठीक नहीं लग रहा है, वहां पर वह बड़ा एक्शन ले रहे हैं। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ दूसरी बार कड़ा एक्शन लिया है। पहले लिए गए एक्शन का कारण अवैध खनन था तो वहीं आज वित्तीय अनियमितता व भ्रष्टाचार के आरोपों पर ही योगी ने फतेहपुर और गोंडा के जिलाधिकारियों कुमार प्रशांत तथा जे.बी. सिंह को निलंबित कर दिया।

जिलाधिकारी फतेहपुर पर सरकारी जमीन निजी व्यक्ति को देने, गेहूं खरीद में अनियमितता और जिलाधिकारी गोंडा पर खाद्यान्न घोटाला का आरोप प्रमाणित हुआ है। फतेहपुर के जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह और गोंडा में प्रभांशु कुमार श्रीवास्तव को जिलाधिकारी बनाया गया है। कैराना और नूरपुर उप-चुनाव में हार और सरकार के भीतर सहयोगियों के तेवर को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बड़े अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर बड़ा संदेश दिया है। इस कार्रवाई से प्रदेश के प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई है।

डॉ. बलकार सिंह को खनन विभाग से हटाया
विशेष सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग डा. बलकार सिंह को 24 घंटे के भीतर ही सरकार ने खनन विभाग से हटा कर निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण बनाया है।

फतेहपुर जिलाधिकारी पर गेहूं खरीद में अनियमितता पाए जाने पर हुई कार्रवाई 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फतेहपुर में गेहूं खरीद में अनियमितता मिलने पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए जिला अधिकारी फ तेहपुर कुमार प्रशांत को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने का निर्देश दिया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 31 मई को विशेष सचिव खाद्य व अपर आयुक्त खाद्य ने राज्य में गेहूं क्रय केंद्रों की जांच की थी। इस जांच में पाया गया कि 13 मई के बाद से लेकर अब तक लगभग 18 दिनों में कोई भी खरीद न करने का कोई भी सही औचित्य नहीं दर्शाया गया है। साथ ही किसानों को टोकन वितरण न करने तथा गेहूं खरीद को प्रभावित करने में खाद्य आयुक्त के 6 जून को इस मामले में दोषी पाए अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध कारवाई की गई है।

इन पर भी हुई कार्रवाई
क्रय केंद्र प्रभारी बिसौली मंडी नरेंद्र कुमार के साथ जिला प्रबंधक पीसीएफ मोहम्मद रफीक अंसारी, मंडी के यूपी एग्रो के क्रय प्रभारी प्रेम नारायण, जिला प्रबंधक यूपी एग्रो गुलाब सिंह, विपणन निरीक्षक शक्ति जायसवाल तथा खाद्य विपणन अधिकारी घनश्याम को निलंबित करने के साथ ही इस प्रकरण में एफआईआर भी दर्ज कराने का निर्देश किया गया है।

गोंडा के खाद्यान्न घोटाले को लेकर हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा में सरकारी खाद्यान्न वितरण में बड़ी अनियमितता के साथ वरिष्ठ स्तर पर अप्रभावी तथा अत्यधिक शिथिल नियंत्रण को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी गोंडा जे.बी. सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही प्रभारी जिलापूर्ति अधिकारी राजीव कुमार तथा जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजय विक्रम सिंह को भी तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने और इस पूरे मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकरण में 9162 बोरियों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का खाद्यान्न कालाबाजारी के उद्देश्य से गोदाम में संग्रहित मिला जिसमें जिला प्रशासन तथा आपूॢत एवं विपणन शाखा केंद्र, तहसील, जनपद व मंडल स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों के शासन के निर्देश की अवहेलना तथा पदीय दायित्वों का ठीक से निर्वहन न करने का स्पष्ट प्रमाण परिलक्षित हुआ। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद स्थानीय व राज्य मुख्यालय स्तर से जांच कराई गई थी।

इन पर भी हुई गोंडा में कार्रवाई
गोंडा के प्रभारी जिलापूर्ति अधिकारी राजीव कुमार, जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजय बिक्रम सिंह भी निलंबित हुए हैं। पूर्व में इस प्रकरण में भारत सिंह केन्द्र विपणन निरीक्षक, झांझरी के साथ ही महेश प्रसाद पूर्ति निरीक्षक तहसील तरबगंज को पहले ही निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ सम्भागीय खाद्य नियंत्रक देवीपाटन राजेश कुमार, सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी देवीपाटन के.के. सिंह तथा उपायुक्त खाद्य सत्येंद्र कुमार सिंह के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई प्रस्तावित की गई।

कनिष्ठ अधिकारी होते हैं दंडित, वरिष्ठों पर जवाबदेही तक तय नहीं की जाती: योगी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अमूमन हर मामले में कनिष्ठ अधिकारियों को दंडित कर दिया जाता है लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों पर जवाबदेही तक तय नहीं की जाती है। यदि वरिष्ठता स्तर पर प्रभावी अनुश्रवण व कार्रवाई की जाती तो कदाचित इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न होती। प्रकरण में कार्रवाई की प्रभावी मिसाल स्थापित करते हुए वरिष्ठता स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित करने का फैसला लिया गया है।